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जवाहर लाल नेहरू पर निबंध (Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi)

जवाहर लाल नेहरु

पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में कश्मीरी पंडित के एक समृद्ध परिवार में हुआ। इनके पिता मोतीलाल नेहरू शहर के जाने माने वकील थे तथा माता स्वरूपरानी नेहरू का संबंध लाहौर के एक सुपरिचित कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से था। बच्चों से अत्यधिक प्रेम होने के वजह से इनके जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पंडित जवाहर लाल नेहरू पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi, Jawaharlal Nehru par Nibandh Hindi mein)

जवाहर लाल नेहरू पर निबंध – 1 (300 शब्द).

स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व तथा उसके बाद भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पं. जवाहर लाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 में हुआ। लोगों के अनुसार पढ़ाई में इनका विशेष रुझान था। नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आन्दोलन, असहयोग आन्दोलन तथा इसी प्रकार के अनेक महत्वपूर्ण आन्दोलन में महात्मा गाँधी के कंधे से कंधा मिला कर जवाहर लाल नेहरू ने भाग लिया।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जवाहर लाल नेहरू ने 13 वर्ष की उम्र तक अपने घर पर रह कर ही हिंदी, अंग्रेजी तथा संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त किया। अक्टूबर 1907 में नेहरू ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज गए और वहां से 1910 में प्राकृतिक विज्ञान में डिग्री प्राप्त की। इस अवधि के दौरान उन्होंने राजनीति, अर्थशास्त्र, इतिहास तथा साहित्य का भी अध्ययन किया।

बर्नार्ड शॉ, वेल्स, जे. एम. केन्स, मेरेडिथ टाउनसेंड के लेखन ने उनके राजनैतिक सोच पर गहरा असर डाला। 1910 में अपनी डिग्री पूर्ण करने के पश्चात नेहरू कानून की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए और ‘इनर टेम्पल इन’ से वकालत किया।

स्वतंत्र भारत के लिए संघर्ष और सफलता

7 अगस्त 1942 मुम्बई में हुई कांग्रेस कमेटी की बैठक में नेहरू के ऐतिहासिक संकल्प “भारत छोड़ो” के वजह से नेहरू को एक बार फिर गिरफ्तार किया गया। यह अंतिम मौका था जब वह जेल जा रहें थे। इस बार नेहरू की गिरफ्तारी लंबे समय के लिए हुई। अपने पूरे जीवन काल में वह देश की सेवा करने के वजह से नौ बार जेल जा चुके हैं।

1929 लाहौर अधिवेशन के पश्चात, नेहरू देश के बुद्धिजीवी तथा युवा नेता के रूप में उभरे। भारतीय नेता के रूप में उन्होंने अपनी भूमिका अनेक यातनाएं सह कर निभाई है।

इसे यूट्यूब पर देखें : Pandit Jawaharlal Nehru par Nibandh

Pandit Jawaharlal Nehru par Nibandh – निबंध 2 (400 शब्द)

नेहरू का जन्म कश्मीरी ब्राह्मण के एक ऐसे परिवार में हुआ था जो उनकी प्रशासनिक योग्यता और विद्वत्ता के लिए प्रसिद्ध थे। इनके पिता मोती लाल नेहरू पेशे से वकील और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता थे। आगे चल कर नेहरू महात्मा गाँधी के प्रमुख सहयोगी में से एक बने। उनकी आत्मकथा में भारतीय राजनीति के प्रति उनकी जिवांत रुचि का पता चलता है।

जवाहर लाल नेहरू राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में

जवाहर लाल नेहरू ने 1912 में बांकीपुर पटना में कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया। स्थिति सुस्त और निराशाजनक होने के वजह से उन्होंने तिलक और एनी बेसेंट द्वारा होम रूल लीग के साथ अपना राजनैतिक जुड़ाव शुरू किया। 1916 में राष्ट्रीय कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू की गांधी जी से मुलाकात हुई और वह उनके शालीन व्यक्तित्व से अत्यधिक प्रभावित हुए।

जवाहर लाल नेहरू 1924 में इलाहाबाद, नगर निगम विभाग के अध्यक्ष बने। दो साल के कार्यकाल के उपरांत 1926 में इस पद से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। तत्पश्चात 1926 से 1928 तक कांग्रेस समीति के महासचिव के रूप में नेहरू ने कार्यभार संभाला। दिसम्बर 1929 लाहौर, कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में नेहरू पार्टी के अध्यक्ष नियुक्त हुए। इसी वर्ष में इन्होनें पूर्ण स्वराज की मांग किया।

नेहरू तथा भारत के लिए महत्वपूर्ण सत्र

1935 में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। नेहरू इस चुनाव का हिस्सा नहीं थे पर ज़ोरो-शोरों से पार्टी का प्रचार-प्रसार करने लगे इसके परिणाम में कांग्रेस को लगभग हर प्रांत से जीत हासिल हुई। नेहरू 1935-1936 के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान उनकी गिरफ्तारी हुई तथा 1945 में उन्हें रिहा कर दिया गया। 1947 में भारत पाकिस्तान विभाजन के समय उन्होंने ब्रिटिश सरकार से वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।

नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में

जब से महात्मा गांधी ने नेहरू को लाहौर में कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष के रूप में चुना तब से जवाहर लाल नेहरू का प्रधानमंत्री बनना यह तय था। वोटो की संख्या कम होने के बाद भी नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। इसके बाद उनके आलोचकों ने जमकर उनकी निंदा की पर उन्होंने अपने पद पर रहते हुए अपने शक्तियों का उचित प्रयोग कर देश के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिया।

प्रधानमंत्री पद पर नेहरू की महत्वपूर्ण भूमिका

1947 में ब्रिटिश सरकार ने लगभग 500 छोटे-बड़े रियासतों को आज़ाद किया। इन सभी रियासतों को पहली बार एक झण्डे के नीचे लाना चुनौतीपूर्ण कार्य था पर नेहरू ने अन्य महापुरुषों के मदद से इस कार्य में सफलता प्राप्त किया। आधुनिक भारत के निर्माण में नेहरू का विशेष योगदान है। उनके नीतियों के परिणाम स्वरूप आज पंचवर्षिय योजना के माध्यम से कृषि तथा उद्योग में विकास देखा जा सकता है।

नेहरू के राजनीतिक जीवन के उतार-चढ़ाव तथा देश के हित में लिए गए निर्णय के फलस्वरूप गर्व से कहा जा सकता है स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री का पद उन्हें उनकी योग्यता के आधार पर मिला है।

Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi – निबंध 3 (500 शब्द)

जवाहर लाल नेहरू के पंडित होने के वजह से लोग उन्हें पंडित नेहरू भी पुकारते थे तथा भारत में उनकी लोकप्रियता होने के वजह से भारतीय उन्हें चाचा नेहरू कहकर भी बुलाते थे। तीन भाई बहनों में जवाहर लाल नेहरू अकेले भाई थे, इनके अलावां इनकी दो बहने थीं। एक विजय लक्ष्मी पंडित तथा दूसरी कृष्णा हुतेसिंग।

नेहरू एक निपुण लेखक के रूप में

समस्त राजनीतिक विवादों से दूर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की नेहरू एक उत्तम लेखक थे। उनकी ज्यादातर रचना जेल में ही लिखी गई हैं, पिता के पत्र : पुत्री के नाम (1929), विश्व इतिहास की झलक (1933), मेरी कहानी (नेहरू की ऑटो बायोग्राफी – 1936), इतिहास के महापुरुष, राष्ट्रपिता, भारत की खोज (Discovery of India – 1945) यह कुछ महान रचनाएं नेहरू के कलम से लिखी गई। यह आज भी लोगों के मध्य उतनी ही लोक प्रिय है जितना की उस वक्त थीं।

नेहरू का देश हित में निर्णायक निर्णय

कांग्रेस समीति का वार्षिक सत्र 1928-29, मोतीलाल नेहरू के अध्यक्षता में आयोजित किया गया। उस समय पर मोतीलाल नेहरू ने ब्रिटिश सरकार के अंदर ही प्रभुत्व संपंन राष्ट्र का दर्जा पाने की मांग की। जबकि जवाहर लाल नेहरू तथा सुबास चंद्र बोस ने पूरी राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग की। यहां पहली बार जवाहर लाल नेहरू अपने पिता के निर्णय का विरोध कर रहें थे। यह स्वतंत्र भारत के लिए उचित निर्णय था।

नेहरू की आलोचना

कुछ लोगों के अनुसार, गाँधी जी के वजह से नेहरू को प्रधानमंत्री का पद मिला। माना जाता है की कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष ही प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालेगा यह तय था। इसके बाद भी गाँधी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल समेत अन्य योग्य नेताओं के स्थान पर नेहरू को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में चुना। जो भी हो नेहरू ने अपने पद के महत्व को समझते हुए अनेक बेहतर प्रयास कर आधुनिक भारत का निर्माण किया है।

चाचा नेहरू का जन्म दिवस, बाल दिवस के रूप में

चाचा नेहरू का बच्चों के प्रति असीम प्रेम के वजह से 14 नवम्बर, नेहरू का जन्म दिवस, को बाल दिवस के रूप में देश के सभी विद्यालयों में मनाया जाता है। इस दिन बच्चों को ख़ास महसूस कराने के लिए विद्यालय में विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता तथा खेल का आयोजन किया जाता है।

जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु

नेहरू ने 50 की दशक में कई राजनैतिक, आर्थिक तथा समाजिक निर्णय देश के आने वाले आधुनिक कल को सोच कर लिए। 27 मई 1964 की सुबह उनकी तबीयत खराब हुई तथा दोपहर 2 बजे तक उनका निधन हो गया।

पंडित नेहरू ने अपनी वसीयत में लिखा था- “मैं चाहता हूँ कि मेरी मुट्ठीभर राख को प्रयाग संगम में बहा दिया जाए जो हिंदुस्तान के दामन को चुमते हुए समंदर में जा मिले, लेकिन मेरी राख का ज्यादा हिस्सा हवाई जहाज से ऊपर ले जाकर खेतों में बिखेर दिया जाए, वो खेत जहां हजारों मेहनतकश इंसान काम में लगे हैं, ताकि मेरे वजूद का हर जर्रा वतन की खाक में मिल जाए..”

जाने माने तथा समृद्ध परिवार से संबंध होने के फलस्वरूप नेहरू का पालन पोषण बहुत ही नाजो से किया गया था। इसके बाद भी वह अपने देश की मिट्टी से जुड़े हुए थे। बच्चों में लोक प्रियता के वजह से लोग उन्हें चाचा नेहरू कह कर संबोधित करते हैं।

Jawaharlal Nehru Essay

FAQs: जवाहरलाल नेहरू पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर. जवाहरलाल नेहरू की जयंती भारत में बाल दिवस के रूप में मनाई जाती है।

उत्तर. जवाहरलाल नेहरू पेशे से वकील थे। तथा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे।

उत्तर. जवाहरलाल नेहरू द्वारा शुरू किया गया अखबार ‘नेशनल हेराल्ड’ था।

उत्तर. जवाहरलाल नेहरू 1947 से 1964 तक 18 वर्षों तक भारत के प्रधान मंत्री रहे।

उत्तर. जवाहरलाल नेहरू के स्मारक को ‘शांतिवन’ कहा जाता है।

उत्तर. ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’ जवाहरलाल नेहरू द्वारा दिया गया प्रसिद्ध भाषण था।

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जवाहरलाल नेहरू पर निबंध 10 lines (Jawaharlal Nehru Essay in Hindi) 100, 200, 250, 300, 500, words

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi – पंडित जवाहरलाल नेहरू सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री थे। चूंकि वह देश के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक शख्सियत थे, इसलिए बच्चों को उनके व्यक्तित्व और योगदान के बारे में पढ़ाया जाता है। उन्हें अक्सर एक संक्षिप्त नोट या जवाहरलाल नेहरू निबंध के रूप में जवाहरलाल नेहरू के बारे में कुछ पंक्तियाँ लिखने के लिए कहा जाता है। यहां जवाहरलाल नेहरू पर लंबी और छोटी पं के रूप में कुछ पंक्तियां दी गई हैं। जवाहरलाल नेहरू निबंध दिया जाता है। 

जवाहरलाल नेहरू पर अनुच्छेद छात्रों के लिए न केवल हिन्दी में पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध लिखने में बल्कि हिंदी में पंडित जवाहरलाल पर निबंध लिखने में भी सहायक होगा।

जवाहर लाल नेहरू पर 10 लाइन निबंध (10 Lines Essay on Jawahar Lal Nehru in Hindi)

  • 1) पंडित जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने।
  • 2) पंडित जवाहरलाल नेहरू कश्मीरी पंडितों के समुदाय से संबंधित थे।
  • 3) पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 1889 में इलाहाबाद में हुआ था।
  • 4) नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व थे।
  • 5)पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूपरानी था।
  • 6) पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • 7) बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहते थे।
  • 8) पंडित नेहरू महात्मा गांधी के अनुयायी थे।
  • 9)पंडित जवाहरलाल नेहरू ने “डिस्कवरी ऑफ इंडिया” पुस्तक लिखी।
  • 10) 1955 में, जवाहरलाल नेहरू को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

जवाहरलाल नेहरू पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay On Jawaharlal Nehru in Hindi)

15 अगस्त, 1947 को देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत के पहले प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज के रूप में जाना जाता है) में हुआ था। उनका जन्मदिन भारत में “बाल दिवस” ​​​​के रूप में मनाया जाता है क्योंकि उनका बच्चों के साथ मधुर संबंध था। उनके पिता एक वकील के रूप में काम करते थे। नेहरू उन स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे जिन्होंने भारत को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए लड़ाई लड़ी थी। महात्मा गांधी की मान्यताओं पर उनका गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने गांधी के साथ मुक्ति संग्राम में भाग लेते हुए कानूनी शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने अपनी स्वतंत्रता सक्रियता के लिए कई बार जेल में बिताया। बाद में, 1929 में, उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में सेवा देने के लिए चुना गया।

जवाहरलाल नेहरू पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay On Jawaharlal Nehru in Hindi)

आजादी के बाद जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उनके पास उत्कृष्ट दृष्टि थी, और वे एक राजनीतिज्ञ, एक लेखक और एक नेता भी थे। उन्होंने हमेशा देश को बेहतर बनाने के लिए दिन-रात काम किया क्योंकि वह चाहते थे कि भारत समृद्ध हो। जवाहरलाल नेहरू एक दूरदर्शी नेता थे। उन्होंने जो सबसे महत्वपूर्ण बात कही वह थी “आराम हराम है”।

उन्होंने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा पूरी करने के लिए लंदन की यात्रा की। उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की और लंदन के इनर टेंपल में अभ्यास करना शुरू किया। भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए, उन्होंने भारत वापस यात्रा की। उन्होंने 1942 और 1946 के बीच कैद के दौरान डिस्कवरी ऑफ इंडिया लिखी।

शांतिप्रिय होने के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू ने देखा कि कैसे अंग्रेजों ने भारतीयों को गाली दी। परिणामस्वरूप उन्होंने मुक्ति आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया। उन्होंने अपने राष्ट्र के प्रति जुनून के कारण महात्मा गांधी से हाथ मिलाया। वह महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए।

आजादी की लड़ाई में उन्हें कई बाधाओं को पार करना पड़ा। यहां तक ​​कि उन्होंने काफी समय जेल में भी बिताया। हालांकि, उन्होंने राष्ट्र के प्रति अपना स्नेह नहीं खोया। उन्होंने एक बहादुर लड़ाई लड़ी, जिससे आजादी मिली। जवाहरलाल नेहरू ने भारत के पहले प्रधान मंत्री का पद जीतने के लिए कड़ी मेहनत की।

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जवाहरलाल नेहरू पर 250 शब्दों का निबंध (250 Words Essay On Jawaharlal Nehru in Hindi)

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi जवाहरलाल नेहरू मोतीलाल नेहरू नाम के एक प्रमुख वकील के पुत्र थे। जवाहरलाल नेहरू का जन्म 1889 में 14 नवंबर को इलाहाबाद, भारत में हुआ था। उन्हें बाद में स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनका परिवार बहुत प्रभावशाली राजनीतिक परिवार था जहाँ उन्होंने अपना प्रारंभिक अध्ययन प्राप्त किया और उच्च अध्ययन के लिए हैरो स्कूल और ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज में इंग्लैंड गए और एक प्रसिद्ध वकील के रूप में भारत लौट आए। 

उनके पिता एक वकील थे लेकिन एक प्रमुख नेता के रूप में राष्ट्रवादी आंदोलन में भी रुचि रखते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू भी महात्मा गांधी के साथ देश के स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए और कई बार जेल गए। उनकी कड़ी मेहनत ने उन्हें पहला भारतीय प्रधान मंत्री बनने और देश के प्रति सभी जिम्मेदारियों को समझने में सक्षम बनाया। उन्होंने 1916 में कमला कौल से शादी की और 1917 में इंदिरा नाम की एक प्यारी सी बच्ची के पिता बने।

1916 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में उनकी मुलाकात महात्मा गांधी से हुई। जलियांवाला बाग हत्याकांड की घटना के बाद उन्होंने अंग्रेजों से भारत के लिए लड़ने की कसम खाई। अपने कार्यों के लिए आलोचना झेलने के बाद भी वे स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक बने। वह 1947 से 1964 तक भारत के सबसे लंबे समय तक और पहले प्रधान मंत्री बने। अपने महान कार्यों से देश की सेवा करने के बाद, स्ट्रोक की समस्या के कारण वर्ष 1964 में 27 मई को उनका निधन हो गया। वह एक लेखक भी थे और उन्होंने अपनी आत्मकथा टूवार्ड फ्रीडम (1941) सहित कई प्रसिद्ध पुस्तकें लिखीं।

जवाहरलाल नेहरू पर 300 शब्दों का निबंध (300 Words Essay On Jawaharlal Nehru in Hindi)

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi – पंडित जवाहरलाल नेहरू एक महान व्यक्ति, नेता, राजनीतिज्ञ, लेखक और वक्ता थे। वह बच्चों से बहुत प्यार करते थे और गरीब लोगों के बहुत अच्छे दोस्त थे। उन्होंने हमेशा खुद को भारत के लोगों का सच्चा सेवक समझा। उन्होंने इस देश को एक सफल देश बनाने के लिए दिन रात कड़ी मेहनत की। वह स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री बने और इस प्रकार उन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा गया। भारत में कई लोग महान पैदा हुए और चाचा नेहरू उनमें से एक थे। वह महान दृष्टि, ईमानदारी, कठिन परिश्रम, ईमानदारी, देशभक्ति और बौद्धिक शक्तियों वाले व्यक्ति थे।

वह “अराम हराम है” के रूप में एक प्रसिद्ध नारा के दाता थे। वह राष्ट्रीय योजना आयोग के पहले अध्यक्ष बने और दो साल बाद उन्होंने भारतीय लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय विकास परिषद की शुरुआत की। उनके मार्गदर्शन में 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना शुरू की गई और लागू की गई। उन्हें बच्चों से बहुत लगाव था इसलिए उन्होंने उनकी वृद्धि और विकास के लिए कई रास्ते बनाए। बाद में भारत सरकार द्वारा बाल दिवस को उनके जन्मदिन की सालगिरह पर बच्चों की भलाई के लिए हर साल मनाया जाने की घोषणा की गई। वर्तमान में, उनकी जयंती पर मनाए जाने के लिए भारत सरकार द्वारा बाल स्वच्छता अभियान नाम से एक और कार्यक्रम शुरू किया गया है।

उन्होंने हमेशा अछूतों, समाज के कमजोर वर्गों के लोगों के सुधार, महिलाओं और बच्चों के कल्याण के अधिकार को प्राथमिकता दी। भारतीय लोगों के कल्याण के लिए सही दिशा में महान कदम उठाने के लिए “पंचायती राज” प्रणाली पूरे देश में शुरू की गई थी। उन्होंने भारत के साथ अंतर्राष्ट्रीय शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए “पंच शील” प्रणाली का प्रचार किया और भारत को दुनिया के अग्रणी देशों में से एक बना दिया।

जवाहरलाल नेहरू पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay On Jawaharlal Nehru in Hindi)

जवाहरलाल नेहरू एक प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले प्रधान मंत्री थे। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे और उन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी के लिए देश के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह एक राजनेता, राजनीतिक नेता और लेखक भी थे जिन्हें आधुनिक भारत के विकास में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद, ब्रिटिश भारत में हुआ था। वह एक प्रमुख वकील और राजनीतिज्ञ, मोतीलाल नेहरू के पुत्र थे। नेहरू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा निजी शिक्षकों के मार्गदर्शन में घर पर प्राप्त की। बाद में उन्होंने लंदन के हैरो स्कूल में पढ़ाई की, जहाँ उन्होंने इतिहास, राजनीति और अर्थशास्त्र का अध्ययन किया। इसके बाद वे कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए गए, जहाँ उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में डिग्री हासिल की।

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी

अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, नेहरू भारत लौट आए और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल हो गए। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और तेजी से इसके प्रमुख नेताओं में से एक बन गए। वह असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन में अग्रणी व्यक्ति थे। स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और नौ साल से अधिक समय तक जेल में रहना पड़ा।

प्रधान मंत्री के रूप में नेतृत्व

1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री बने। उन्होंने 1964 में अपनी मृत्यु तक, 17 वर्षों तक प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने नए राष्ट्र को आकार देने और इसे एक आधुनिक, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक देश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय लोगों के जीवन में सुधार लाने और देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों को लागू किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, विशेषकर गुटनिरपेक्ष आंदोलन में।

परंपरा (legacy)

जवाहरलाल नेहरू की विरासत आज भी भारत में महसूस की जाती है। उन्हें देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और प्रधान मंत्री के रूप में उनके नेतृत्व के लिए याद किया जाता है। उन्हें आधुनिक भारत के विकास में विशेष रूप से शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भी याद किया जाता है। उनका जन्मदिन, 14 नवंबर, बच्चों के प्रति उनके प्यार और स्नेह को पहचानते हुए, उनके सम्मान में भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

लेसन्स हिज लाइफ

शिक्षा का महत्व | जवाहरलाल नेहरू एक उच्च शिक्षित व्यक्ति थे, जो जीवन और समाज को बदलने के लिए शिक्षा की शक्ति में विश्वास करते थे। उन्होंने भारत में शिक्षा प्रणाली में सुधार लाने और सभी के लिए शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों को लागू किया। हम उनके उदाहरण से शिक्षा के महत्व और व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में इसकी भूमिका के बारे में सीख सकते हैं।

दृढ़ता की शक्ति | नेहरू ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भागीदारी के लिए कई साल जेल में बिताए। चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उन्होंने स्वतंत्रता के लिए अपनी लड़ाई को कभी नहीं छोड़ा और इस उद्देश्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से कभी नहीं डगमगाए। हम उनके उदाहरण से दृढ़ता की शक्ति और अपने विश्वासों के प्रति सच्चे रहने के महत्व से सीख सकते हैं।

लोक सेवा | नेहरू का जीवन भारत के लोगों की सेवा के लिए समर्पित था। उन्होंने उनके जीवन को बेहतर बनाने और एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए अथक प्रयास किया। हम उनके उदाहरण से सीख सकते हैं कि सार्वजनिक सेवा का महत्व और समाज में बदलाव लाने में इसकी क्या भूमिका है।

नेतृत्व | नेहरू एक दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने भारत के नए राष्ट्र को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके पास देश के भविष्य के लिए एक स्पष्ट दृष्टि थी और इसे वास्तविकता बनाने के लिए अथक प्रयास किया। हम उनके उदाहरण से मजबूत नेतृत्व के महत्व और देश के भविष्य को आकार देने में इसकी भूमिका से सीख सकते हैं।

जवाहरलाल नेहरू पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1. जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कब और कैसे हुई.

उत्तर जवाहरलाल नेहरू का निधन वर्ष 1964 में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था।

प्रश्न 2. पंडित नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष कब बने थे?

उत्तर: पंडित जवाहरलाल नेहरू वर्ष 1929 – 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस या कांग्रेस के अध्यक्ष बने और लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता की।

प्रश्न 3. कांग्रेस में जवाहरलाल नेहरू के गुरु कौन थे?

उत्तर: जब पंडित नेहरू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए, तो उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रशंसा की, जो बाद में उनके गुरु बने।

प्रश्न 4. जवाहरलाल नेहरू को दी जाने वाली लोकप्रिय उपाधियाँ क्या हैं?

उत्तर: पंडित और चाचा नेहरू जैसी उपाधियों के अलावा, जवाहरलाल नेहरू को भारत के वास्तुकार के रूप में भी जाना जाता था क्योंकि उन्होंने धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, संप्रभु और समाजवादी भारत के निर्माण में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी।

Nibandh

पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

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रूपरेखा : परिचय - पं. जवाहरलाल नेहरू जी की प्रारंभिक जीवन - पं. जवाहरलाल नेहरू जी की शिक्षा - उनकी राजनीतिक जीवनवृत्ति - एक सफल प्रधानमंत्री के रूप में - निष्कर्ष ।

पंडित जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम के एक बड़े नायक थे। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व तथा उसके बाद भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पं. जवाहर लाल नेहरू थे। बच्चों से अत्यधिक प्रेम होने के वजह से इनके जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था। इनके पिता मोतीलाल नेहरू शहर के जाने माने वकील थे तथा माता स्वरूप रानी नेहरू का संबंध लाहौर के एक सुपरिचित कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से था।

वे बचपन में घर पर ही निजी शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए। उन्होंने इंग्लैंड में हैरॉ से विद्यालयीय शिक्षा पूरी की। जवाहर लाल नेहरू ने 13 वर्ष की उम्र तक अपने घर पर रह कर ही हिंदी, अंग्रेजी तथा संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने ट्रिनीटी कॉलेज, कैम्ब्रिज से स्नातक किया। उन्होंने लंदन के 'इन्स ऑफ कोर्ट स्कूल ऑफ लॉ' में कानून की पढ़ाई की। उनके पिता, पं. मोतीलाल नेहरू एक बहुत प्रसिद्ध और सफल बैरिस्टर थे।

इस अवधि के दौरान उन्होंने राजनीति, अर्थशास्त्र, इतिहास तथा साहित्य का भी अध्ययन किया। बर्नार्ड शॉ, वेल्स, जे. एम. केन्स, मेरेडिथ टाउनसेंड के लेखन ने उनके राजनैतिक सोच पर गहरा असर डाला। 1910 में अपनी डिग्री पूर्ण करने के पश्चात नेहरू कानून की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए और ‘इनर टेम्पल इन’ से वकालत किया। 1912 में नेहरू शिक्षा प्राप्त कर भारत वापस आ गए।अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वे भारत लौटे और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकील बने।

वे भारतीय राजनीति में दिलचस्पी रखते थे। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से स्वयं को दूर न रख सके। उन्होंने अनेक आंदोलनों में भाग लिया। वे कई बार जेल भी गए। वे गाँधीजी के बहुत घनिष्ठ थे। नमक सत्याग्रह, भारत छोड़ो आन्दोलन, असहयोग आन्दोलन तथा इसी प्रकार के अनेक महत्वपूर्ण आन्दोलन में महात्मा गाँधी के कंधे से कंधा मिला कर जवाहर लाल नेहरू ने भाग लिया। 1928 में साइमन कमीशन के विरूद्ध आन्दोलन का नेतृत्वकर्ता होने के फलस्वरूप नेहरू समेत अन्य लोगों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया।

7 अगस्त 1942 बॉम्बे (मुंबई) में हुई कांग्रेस कमेटी की बैठक में नेहरू के ऐतिहासिक संकल्प “भारत छोड़ो” के वजह से नेहरू को एक बार फिर गिरफ्तार किया गया। यह अंतिम मौका था जब वह जेल जा रहें थे। इस बार नेहरू की गिरफ्तारी लंबे समय के लिए हुई। अपने पूरे जीवन काल में वह देश की सेवा करने के वजह से नौ बार जेल जा चुँके हैं।

पं. नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। वे अत्यंत योग्य नेता साबित हुए। नवजात भारत में बहुत-सी समस्याएँ थीं। पं. नेहरू ने उन सब को बहुत प्रभावी तरीके से निपटाया। उन्होंने भारत के विभाजन के समय समझदारी से काम लिया।

उनके शासन में धर्म की स्वतंत्रता, वयस्क मताधिकार, कानून के समक्ष सबकी समानता आदि-जैसे विभिन्न मुद्दे प्रस्तुत किए गए। सभी बड़े उद्योगों का राष्ट्रीयकरण किया गया। पं. नेहरू ने कृषि के विकास के लिए काम किया। उन्होंने अनेक बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत की। उन्होंने आई. आई. टी, आई. आई. एम. एवं ए. आई. आई. एम. एस. को विकास की ओर प्रवृत्त किया। उस समय संसार दो खेमों में बँटा हुआ था। लेकिन, उन्होंने गुट-निरपेक्ष नीति का सूत्रपात किया। उन्होंने पंचशील के सिद्धांतों को प्रस्तुत किया।

पंडित नेहरू ने भारत की जिम्मेदारी तब ली, जब यह नवजात थे। उन्होंने सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की नींव डाली। उनकी मृत्यु 27 मई 1964 को हुई। उनकी मृत्यु देश के लिए बहुत बड़ी क्षति थी। भारतीय नेता के रूप में उन्होंने अपनी भूमिका अनेक यातनाएं सह कर भी निभाई है। हमलोग देश के विकास के प्रति उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकते।

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जवाहरलाल नेहरू पर निबंध, लेख

जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

Essay on Jawaharlal Nehru in hindi-जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

देश की स्वाधीनता संग्राम से लेकर आधुनिक भारत के निर्माताओं में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रत्येक देशवासी सादर पूर्वक प्यार याद करते हैं पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम शांति के अग्रदूत और अहिंसा के संवाहक के रूप में भी विश्व के महान व्यक्तियों के साथ लिया जाता है इनका जन्म 14 नवंबर 1889 ई. में इलाहाबाद में हुआ था।इनके पिता श्री मोतीलाल नेहरू पूरे भारत के सर्वश्रेष्ठ और विश्व के इने-गिने प्रतिभाशाली और सम्मानित बैरिस्टरों में से एक थे।

एक अत्यधिक संपन्न परिवार के होने के कारण पंडित जवाहरलाल नेहरु को किसी वस्तु का कोई अभाव नहीं हुआ उनकी माता श्रीमती स्वरूपा रानी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी इनके पिताजी की असाधारण बुद्धि प्रतिभा और तेज का एवं माता की धार्मिक प्रवृत्ति का पंडित जवाहरलाल नेहरू पर गहरा असर पड़ा

पंडित जवाहर लाल नेहरू की आरंभिक शिक्षा अत्यधिक संपन्न व्यवस्था में घर पर ही हुई पढ़ाने के लिए एक अंग्रेज शिक्षक की व्यवस्था की गई थी उन्होंने बालक के मन में विज्ञान के प्रति अभिरुचि उत्पन्न कर दी आरंभिक शिक्षा समाप्त करके यह उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सन 1905 में इंग्लैंड गए।उस समय इनकी आयु लगभग 15 वर्ष की थी।इंग्लैंड में रहकर इन्होंने विज्ञान और कानून की उच्च शिक्षा प्राप्त की ।वहां रहते हुए और दूसरे विषयों से संबंधित गर्न्थो का विस्तार पूर्वक अध्ययन किया। इसके साथ ही साथ ये दूसरे देशों में चल रहे स्वाधीनता आंदोलन से भी परिचित होते रहे।इससे ये अ अपने देश की परतंत्रता और अंग्रेजी सत्ता की राजनीति भी बड़ी बारीकी से समझ गए।

इंग्लैंड के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से इन्होंने बी .ए की परीक्षा उत्तीर्ण की ।इसके बाद उन्होंने बैरिस्टर की भी परीक्षा उत्तीण कर ली।तत्पश्चात सन 1912 ईस्वी .में स्वदेश लौट आए। स्वदेश आकर जवाहरलाल नेहरू ने सन 1912 ईस्वी में ही इलाहाबाद में वकालत करने लगे। उसी वर्ष यह कांग्रेस के वार्षिक अधिवेशन में सम्मिलित हुए। सन् 1916 में जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटे, तब उनसे इन्होंने भेंट की। महात्मा गांधी के राजनीतिक प्रभाव को सुन चुके थे। लेकिन उन्हें निकट से नहीं पहचान सके। गांधीजी को देखते ही उन्होंने उनकी शांत प्रकृति और अहिंसक व्यवहार के पीछे जो महान शक्ति छिपी हुई थी, उसे पहचानने में तनिक भी देर नहीं की। इस प्रकार उनके प्रभाव में आकर इन्होने उनके अनन्य अनुयाई और सहयोगी बन गए। सन 1916 ई.में ही इनका विवाह पंडित कमला नेहरू से हो गया।

सन 1914 ई. से सन 1918 ई. तक प्रथम विश्व युद्ध विश्व काल रहा। युद्ध की समाप्ति पर बिट्रिश सत्ता ने अपनी दमन नीति के अंतर्गत “रॉलेट एक्ट”पास करके भारतीयों की स्वतंत्रता प्राप्त करने की भावना को कुचल दिया। इसके विरोध में गांधी जी ने आंदोलन चलाया। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस आंदोलन में अपनी अच्छी भूमिका निभाई।

सन 1919 ई. में अंग्रेजी सत्ता में भारतीयों की स्वतंत्रता प्राप्त करने की भावनाओं को कुचलने के लिए अपनी दमनकारी कदमों को तेजी से बढ़ाया। इसके लिए उन्होंने पंजाब के अमृतसर के जलियांवाला बाग में निहत्थो पर जनरल डायर से गोली चलवा दी।अनेक निर्दोष मौत के घाट उतार दिए गए।इस हत्याकांड से क्षुब्ध होकर महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन छेड़ दिया। तब पंडित जवाहर लाल नेहरु ने अपनी वकालत को तुरंत ही तिलांजली दे दी।फिर अपने तन- मन बुद्धि – प्रतिभा और धन से स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में लग गए।

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश को स्वतंत्र करने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देने का दृढ़ संकल्प कर लिया ।इन्होंने अपनी आलीशान जिंदगी को स्वतंत्रता – संग्राम में संघर्षरत होकर झोंकने में किसी प्रकार की आनाकानी नहीं कि। सन 1921 ई. में “प्रिंस ऑफ वेल्स” के भारत आने पर उन्होंने उनका बहिष्कार किया। इसके लिए इनको गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया ।फिर भी जवाहरलाल नेहरू ने अपना दृढ़-व्रत को नहीं तोड़ा। स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष का प्रबल नायक होने के कारण इन्होंने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया जवाहरलाल नेहरू ने राजनीतिक गुरु महात्मा गांधी की तरह खादी के कुर्ते और धोती पहनकर शहरों में ही नहीं अपितु गांव में भी स्वतंत्रता का बिगुल फूंकते रहे।

पंडित मोतीलाल भी महात्मा गांधी की असाधारण देशभक्ति से प्रभावित हुए बिना ना रह सके वह अपने सुपुत्र पंडित जवाहरलाल नेहरु की तरह स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में कूद पड़े। उन्होंने भी बेरिस्टरी करनी छोड़ दी ।फिर महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में देश के आजादी के लिए अपनी विदेशी वस्तुओं का परित्याग कर दिया।

देश की आजादी के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी के द्वारा दिए गए दिशा बोध के अनुसार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई 31 दिसंबर सन 1930 ईस्वी में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने कांग्रेस अध्यक्ष के भाषण में पंजाब की रावी नदी के तट पर स्पष्ट रूप से घोषणा कि “हम पूर्ण रूप से स्वाधीन होकर ही रहेंगे “उनकी इस घोषणा से पूरे देश में स्वाधीनता का प्रबल स्वर गूंज उठा। उससे स्वाधिनता-संग्राम का संघर्ष और तेज होकर प्रभवशाली बन गया ।इसके बाद नमक सत्याग्रह में भी इन्होंने अपना पूरा योगदान दिया।

सन 1942 ईस्वी में महात्मा गांधी ने “भारत छोड़ो का आव्हान किया ।पूरा देश इससे प्रभावित हो गया ।इस आंदोलन में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई बार-बार अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के कारण वे अंग्रेजों की आंख की किरकिरी बन गए। इसलिए वह मौका पाते ही उन्हें जेल में बंद कर दिया करते थे। यही नहीं उन्हें कड़ी से कड़ी यातनाएं भी दी जाती थी इससे भी वे आजादी के संघर्ष से तनिक भी विचलित नहीं हुए। अपितु दिनों दिन और दिलेरी और लौह पुरुष बनते गए। फूल की तरह रहने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरू काँटो रूपी यातनाओं में किस तरह मुस्कुराते रहें।यह आज भी लोग समझ नहीं पाते हैं।

महात्मा गांधी के नेतृत्व में हमारा देश पूर्ण रूप से आजाद हो गया ।पंडित जवाहरलाल नेहरु के असीम त्याग तप को देखकर उन्हें देश का पहले प्रधानमंत्री के रूप में मनोनीत किया गया। इनके नेतृत्व में पूरे देश ने अभूतपूर्व उन्नति की। 23 मई सन 1964 ईस्वी को वे हमें इस संसार से छोड़कर चले गए ।लेकिन उनका शांति संदेश इस धरती से भी कभी नहीं जा सकेगा।

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Essay on Jawaharlal Nehru: स्टूडेंट्स के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध

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  • Updated on  
  • मई 17, 2024

Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi

जवाहरलाल नेहरू वह नाम है जिससे हर भारतीय परिचित है। जवाहरलाल बच्चों के बीच काफी मशहूर थे. जिसके कारण बच्चे उन्हें ‘चाचा नेहरू’ कहकर बुलाते थे। चूँकि वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे इसलिए सरकार ने उनके जन्मदिन को ‘ बाल दिवस ‘ के रूप में मनाया। जवाहरलाल नेहरू एक महान नेता थे। वे भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ साथ अब तक के सबसे लोकप्रिय भारतीय प्रधानमंत्री भी हैं। शिक्षा से उन्हें बेहद लगाव था। उन्होंने भारत में आईआटी, एम्स और एनआईटी जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों की नींव रखी। अक्सर स्कूल की परीक्षाओं और असाइनमेंट्स में Jawaharlal Nehru Essay in Hindi पूछ लिया जाता है। इस ब्लॉग में 200 शब्दों से लेकर 500 शब्दों में Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi (पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध) विस्तार से।

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जवाहरलाल नेहरू के बारे में हिंदी में, essay on jawaharlal nehru in hindi (100 शब्दों में) , essay on jawaharlal nehru in hindi (200 शब्दों में) , प्रस्तावना  , नेहरू बने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री , उपसंहार , जवाहरलाल नेहरू पर 10 लाइन्स , jawaharlal nehru quotes in hindi, जवाहरलाल नेहरू से जुड़े कुछ तथ्य .

जवाहर लाल नेहरू एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले प्रधान मंत्री थे। आजादी से पहले और आजादी के बाद भी उन्हें भारतीय राजनीति में एक केंद्रीय योद्धा माना जाता था। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था और उन्होंने 1947 से 1964 में अपनी मृत्यु तक देश की सेवा की। जवाहर लाल नेहरू का जन्मस्थान प्रयागराज है जो इलाहाबाद में है। कश्मीरी पंडित समुदाय से जुड़ाव के कारण उन्हें पंडित नेहरू के नाम से भी जाना जाता था, जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के नाम से बुलाते थे। जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन को व्यापक रूप से बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू है जिन्होंने 1919 और 1928 में भारतीय प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी माँ का नाम स्वरूप रानी थुस्सू है और वह मोतीलाल की दूसरी पत्नी थीं। जवाहर लाल नेहरू की 2 बहनें थीं और वह सभी में सबसे बड़े थे। विजय लक्ष्मी सबसे बड़ी बहन थीं जो बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनीं। और सबसे छोटी बहन कृष्णा हथीसिंग एक प्रसिद्ध लेखिका थीं और उन्होंने अपने भाई पर कई किताबें लिखीं। जवाहर लाल नेहरू का विवाह कमला नेहरू से हुआ था जिनका जन्म 1899 में हुआ था।

Jawaharlal Nehru Essay in Hindi, 100 शब्दों में कुछ इस प्रकार है – 

जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। वे एक अद्भुत राजनेता, प्रखर वक्ता और राष्ट्रवादी थे। उनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और भारत को 1947 में आजादी दिलाई। वे एक दृढ़ नेता थे जो समाजवादी और गांधीवादी विचारधारा पर अडिग थे। नेहरू ने शिक्षा, विज्ञान, और तकनीकी विकास के क्षेत्र में भी बहुत प्रोत्साहन किया। उनके प्रेरणादायी भाषण और लेखन का महत्व आज भी देश के लोगों के दिलों में बसा है। उनके नेतृत्व में भारत को एक आधुनिक और विश्वस्तरीय राष्ट्र के रूप में पहचान मिली।

200 शब्दों में पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध कुछ इस प्रकार है – 

जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नेता थे और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री रहे। उनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। नेहरू ने अपने जीवनभर समाजसेवा करने के लिए समर्पित किया। उन्होंने महात्मा गांधी के संगठन में भी एक प्रमुख योगदान दिया और स्वदेशी आंदोलन में भी अग्रणी भूमिका निभाई।

नेहरू के नेतृत्व में ही भारत ने 1947 में आजादी प्राप्त की। उन्होंने देश के संविधान के निर्माण में भी अहम योगदान दिया। उन्हें बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू के रूप में भी जाना जाता है। वे शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी विकास के पक्षधर थे और भारत को इन क्षेत्रों में प्रोत्साहित किया। उनके प्रेरणादायी भाषण और लेखन आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। उनके नेतृत्व में भारत को आधुनिक और विश्वस्तरीय राष्ट्र के रूप में मान्यता मिली। उनकी मृत्यु 27 मई, 1964 को हुई, लेकिन उनकी स्मृति हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी।

Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi (500 शब्दों में) 

पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध 500 शब्दों में नीचे प्रस्तुत है :

जवाहरलाल नेहरू भारतीय इतिहास के महान नेता थे, जिनका योगदान देश की स्वतंत्रता संग्राम में अविस्मरणीय रहा। उनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे पंडित मोतीलाल नेहरू के बेटे थे। नेहरू का पूरा नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू था, लेकिन उन्हें बच्चों के प्रिय चाचा नेहरू के रूप में भी जाना जाता है।

नेहरू ने अपने जीवन में स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और देश के विकास और प्रगति के लिए प्रयास किए। उनका बचपन इलाहाबाद में बहुत खुशनुमा रहा, जहां उन्हें शिक्षा और संस्कृति के प्रति गहरा रुचि हुई। उनके पिता पंडित मोतीलाल नेहरू एक विद्वान् थे और उनके प्रभाव में नेहरू ने भी विशेषज्ञता प्राप्त की। उन्होंने इंग्लैंड में पढ़ाई की और वहां से वापस आकर वकालत का प्रशिक्षण लिया।

नेहरू को गांधीजी से मिलने का मौका 1916 में मिला, और उन्होंने गांधीजी के विचारों में रुचि देखकर उनके संग जुड़ गए। गांधीजी के अनुयायी बनने के बाद, नेहरू ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना संपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों को अपनाया और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नागरिक अविष्कार की योजना बनाई।

1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद, नेहरू को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। उनके प्रधानमंत्री पद कार्यकाल में भारत को एक आधुनिक और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। उन्होंने देश को सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए योजनाएं बनाई और शिक्षा, विज्ञान, और तकनीकी विकास को प्रोत्साहित किया। उन्हें शांति के पक्षधर के रूप में भी जाना जाता है और उन्होंने बहुसंख्यक देशों के साथ दोस्ताना संबंध स्थापित किए।

नेहरू के नेतृत्व में भारत ने विश्व में अपनी पहचान बनाई और उच्च स्थान पर खड़ा हुआ। उनकी शिक्षा और विचारधारा के प्रति उनके प्यार और समर्पण से नेहरू की लोकप्रियता और चारित्रिकता ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख व्यक्ति बना दिया। उनके नेतृत्व में भारत ने नॉन-आलाइड आंदोलन का आधार स्थापित किया और उच्चस्तरीय शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक विकास में प्रगति की।

नेहरू के शासनकाल में, भारतीय विज्ञानिकों और शिक्षकों ने विज्ञान, और तकनीकी क्षेत्र में अनेक उपलब्धियों को हासिल किया। भारत ने पहली बार अटॉमिक ऊर्जा परीक्षण की योजना बनाई और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना नेहरू के प्रधानमंत्री कार्यकाल में हुई।

नेहरू का देशवासियों के साथ संबंध बहुत गहरा था और वे बच्चों के प्यारे चाचा बने रहे। उनकी मृत्यु विश्वास्य और अपूर्व दुःख का कारण बनी। उनका निधन 27 मई, 1964 को हुआ, लेकिन उनकी स्मृति हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी।

जवाहरलाल नेहरू एक महान व्यक्तित्व थे जिनका योगदान भारतीय इतिहास में गौरवपूर्ण है। उनकी नेतृत्व और सेवा-भावना का उदाहरण आज भी लोगों को प्रेरित करता है। वे एक सच्चे राष्ट्रनिर्माता थे जिन्होंने देश के समृद्धि और समृद्धि के लिए प्रयास किए। उनके साथी रहने का अनुभव भारत के लोगों के लिए अद्भुत और यादगार रहा है। नेहरू एक ऐसे लीडर थे जिनका संघर्ष, समर्पण, और समर्थन भारत को स्वतंत्रता की ऊँचाइयों तक ले गया। उनकी स्मृति को सदैव नमन करते हुए हम उन्हें एक महान योद्धा और देशभक्त के रूप में याद करते हैं।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में 10 लाइन

  • जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे।
  • उनका जन्म 14 नवंबर, 1889 को हुआ था।
  • नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • उन्होंने गांधीजी के संगठन में भी एक प्रमुख योगदान दिया।
  • नेहरू ने भारत के संविधान के निर्माण में भी अहम योगदान दिया।
  • वे शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी विकास के पक्षधर थे।
  • नेहरू को बच्चों के प्यारे चाचा के रूप में जाना जाता था।
  • उनकी मृत्यु 27 मई, 1964 को हुई।
  • नेहरू के नेतृत्व में भारत ने आधुनिक राष्ट्र की पहचान बनाई।
  • उनके प्रेरणादायी भाषण और लेखन आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं।

जवाहरलाल नेहरू द्वारा कहे गए कुछ अनमोल वचन Jawaharlal Nehru Quotes in Hindi यहाँ प्रस्तुत हैं। 

जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है। आपके हाथ में जो है वह नियति है, जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है।
हम वास्तविकता में क्या हैं यह अधिक मायने रखता है इस बात से कि लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं।
आप तस्वीर के चेहरे दीवार की तरफ मोड़ के इतिहास का रुख नहीं बदल सकते।
बिना शांति के, सभी सपने टूट जाते हैं और राख में मिल जाते हैं।
जो व्यक्ति अधिकतर अपने ही गुणों का बखान करता रहता है वो अक्सर सबसे कम गुणी होता है।
सत्य हमेशा सत्य ही रहता हैं चाहे आप पसंद करें या ना करें।
जो पुस्तकें हमें सोचने के लिए विवश करती हैं, वे हमारी सबसे अच्छी सहायक हैं।
शायद जीवन में डर से बुरा और खतरनाक कुछ भी नहीं है।
 जब तक आपके पास संयम और धैर्य नहीं है, तब तक आपके सपने राख में मिलते रहेंगे।

जवाहरलाल नेहरू से जुड़े कुछ दिलचस्प तथ्य नीचे बताए जा रहे हैं। 

  • उनके दादा का नाम गंगाधर पंडित था। वह दिल्ली के अंतिम कोतवाल थे। उन्हें 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से कुछ दिन पहले नियुक्त किया गया था। जब ब्रिटिश सेना ने दिल्ली पर कब्ज़ा करना शुरू किया, तो वह अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ आगरा चले गए, जहाँ चार साल बाद 1861 में उनकी मृत्यु हो गई।
  • जवाहरलाल नेहरू ने कैम्ब्रिज के हैरो और ट्रिनिटी कॉलेज में पढ़ाई की। उन्होंने इनर टेम्पल से कानून में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वहां उन्हें प्यार से जो नेहरू कहा जाता था।
  • जब वे जनवरी 1934 से फरवरी 1935 तक जेल में थे, तब उन्होंने ‘टुवर्ड फ्रीडम’ शीर्षक से अपनी आत्मकथा लिखी। यह 1936 में अमेरिका में प्रकाशित हुआ था।
  • उन्होंने पश्चिम के विरोध में पश्चिमी कपड़े पहनना बंद कर दिया। इसके बजाय उन्होंने जो जैकेट पहनी थी, उसे नेहरू जैकेट के नाम से जाना जाने लगा। वह बच्चों के साथ गुलाब की कली से प्रतिस्पर्धा करते थे और अपनी जैकेट में गुलाब रखते थे।
  • उन्हें 1950 से 1955 तक कई बार नोबेल शांति पुरस्कार के लिए भी नामांकित किया गया था। उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा कुल 11 बार नामांकित किया गया था।
  • वे असाधारण विद्वान थे। लेकिन, उनके नाम के साथ पंडित इसलिए नहीं जुड़ा क्योंकि वो असल में कोई विद्वान थे, बल्कि उनका संबंध कश्मीरी पंडित से था।
  • उन्होंने भारत और विश्व पर दो पुस्तकें डिस्कवरी ऑफ इंडिया और ग्लिम्पसेस ऑफ द वर्ल्ड लिखीं। दोनों पुस्तकें भारत के साथ-साथ दुनिया के बारे में उनके विशाल ज्ञान को उजागर करती हैं। विश्व इतिहास की झलक वास्तव में 146 पत्रों का संग्रह है जो उन्होंने अपनी इकलौती बेटी इंदिरा गांधी को लिखे थे।
  • 26 साल की उम्र में नेहरू की शादी कमला कौल नाम की 16 साल की कश्मीर ब्राह्मण लड़की से हुई थी। उनके पिता पुरानी दिल्ली के एक प्रतिष्ठित व्यापारी थे। उनकी शादी 7 फरवरी, 1916 को हुई थी। तपेदिक के कारण 28 फरवरी, 1936 को स्विट्जरलैंड में उनकी मृत्यु हो गई।
  • पंडित नेहरू की चार बार हत्या की कोशिश की गई. पहली बार 1947 में विभाजन के दौरान, दूसरी बार 1955 में एक रिक्शा चालक द्वारा, तीसरी बार 1956 में और चौथी बार 1961 में मुंबई में। 27 मई, 1964 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।
  • उन्हें अपने साथ सुरक्षा गार्ड ले जाना पसंद नहीं था क्योंकि इससे यातायात में बाधा उत्पन्न होती थी।

उनकी पत्नी का नाम कमला नेहरू था। 

1967 नेहरू भारत के प्रधानमंत्री बने थे।

27 मई 1964 के दिन नेहरू जी की मृत्यु हुई। 

जवाहर लाल नेहरू जब भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने तब वे लगभग 58 वर्ष के थे और 17 साल तक उस पद पर रहे। इनका जन्म इलाहाबाद में 14 नवंबर 1889 को हुआ।

यह था पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध, Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

इस लेख में पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध (Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi) लिखा गया है।

स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के कारण पंडित नेहरू के विषय में छोटी बड़ी लगभग सभी परीक्षाओं में निबंध पूछा जाता है। यह निबंध बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है आशा है आपको यह निबंध जानकारी से भरपूर लगेगी।

Table of Contents

प्रस्तावना (पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi)

आज के समय में भारत पूरी दुनिया में एक अलग स्थान रखता है। भारत को इतनी ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए न जाने कितने लोगों ने अपना जीवन देश के लिए बलिदान कर दिया है। 

जब भारत ब्रिटेन का गुलाम था तब महान राजनेताओं और क्रांतिकारियों ने मिलकर भारत को एक स्वतंत्र देश बनाया। पंडित जवाहरलाल नेहरू जो स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे उन्होंने देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

जवाहरलाल नेहरू का जन्म कश्मीरी पंडित के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू तथा माता का नाम स्वरूप रानी नेहरू था।

पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता पेशे से ब्रिटिश गवर्नमेंट में एक नामी वकील थे। इसीलिए मोतीलाल नेहरू चाहते थे कि उनका पुत्र भी एक प्रसिद्ध बैरिस्टर बने।

जवाहरलाल नेहरू की शिक्षा विदेशों के सबसे जाने-माने शिक्षा संस्थानों पर संपन्न हुई। पंडित नेहरू उस समय विदेश जाकर अपनी पढ़ाई कर रहे थे जिस समय  ब्रिटिश  सरकार भारत को एक गरीब और पिछड़ा देश समझती थी।

अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत लौटने के बाद नेहरू गांधी जी की विचारधारा से बहुत आकर्षित हुए। कुछ समय बाद गांधी जी के संपर्क में आकर उन्होंने कई सारे आंदोलनों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

प्रारंभिक जीवन Early Life of Jawaharlal Nehru in Hindi

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था जो एक बहुत प्रख्यात बैरिस्टर थे। पंडित नेहरू की माता का नाम स्वरूप रानी था जो लाहौर के प्रख्यात कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से थी।

मोतीलाल नेहरू के कुल तीन बच्चे थे जिनमें जवाहरलाल नेहरू इकलौते पुत्र थे और 2 बेटियां थी जिनमें  जवाहरलाल नेहरू सबसे बड़े थे।

जवाहरलाल नेहरू के पिता वकील थे इसलिए वे अपने पुत्र को भी उसी दिशा में आगे बढ़ाना चाहते थे। अपने पिता के जैसे ही जवाहरलाल नेहरू भी उस समय देश के लिए कुछ करने की इच्छा रखते थे।

नेहरू बचपन से ही पढ़ने में रुचि रखते थे। अपने पिता के जैसे ही वह भी बड़े होकर एक प्रख्यात वकील बनना चाहते थे उन्होंने अपनी पढ़ाई विदेशों से की।

शिक्षा Education of Jawaharlal Nehru in Hindi

जवाहरलाल नेहरू का परिवार आर्थिक रूप से बहुत ही संपन्न था, जिससे पंडित नेहरू को दुनिया के कुछ सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालयों से पढ़ने का मौका मिला।

उन्होंने अपनी  प्रारंभिक शिक्षा हैरो स्कूल से पूरी करने के बाद ट्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज जोकि लंदन के सबसे प्रख्यात विश्वविद्यालय में से एक है वहां अपनी पढ़ाई की।

कॉलेज की शिक्षा खत्म करने के बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा ग्रहण की। जवाहरलाल नेहरू अंग्रेजी के बहुत अच्छे ज्ञाता थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं वापस अपने वतन भारत लौट गए।

राजनीतिक करियर Political Career of Jawaharlal Nehru in Hindi

1912 में जवाहरलाल नेहरू कानून की पढ़ाई पूरी करके भारत आ गए और वकालत का कार्य आरंभ कर दिया।

भारत लौटने के बाद पंडित नेहरू महात्मा गांधी के विचारों से बहुत प्रभावित हुए। देश की आजादी में अपना योगदान देने के लिए बाल तिलक द्वारा स्थापित होम रूल लीग में 1917 जुड़े।

कुछ समय बाद 1919 में पंडित नेहरू की मुलाकात गांधी जी से हुई जिस समय रोलेट अधिनियम के विरोध में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आंदोलन चलाया जा रहा था। जवाहरलाल नेहरू ने इस आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपना योगदान दिया।

ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध सविनय अवज्ञा आंदोलन में  पंडित नेहरू की अहम भूमिका रही है। इसके बाद पूरे देश में जवाहरलाल नेहरू को जाना जाने लगा।

गांधी जी के उपदेशों से प्रभावित होकर जवाहरलाल नेहरू ने अपने पूरे परिवार के साथ ब्रिटिश सरकार के विरोध में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा स्वदेशी अपनाने पर अधिक बल दिया तथा पश्चिमी देशों में बने वस्त्र त्याग कर खादी से बने कपड़े और टोपी धारण करने लगे।

अब तक के सभी आंदोलन में पंडित नेहरू प्रत्यक्ष रूप से आगे नहीं आए थे किंतु 1920 से 1922 तक चले असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिए और ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध खूब विरोध किया जिसके लिए उन्हें  जेल भी जाना पड़ा था।

 जवाहरलाल नेहरू 1924 में इलाहाबाद में नगर निगम के प्रमुख चुने गए जहां उन्होंने 2 वर्ष तक काम किया और 1926 में त्यागपत्र दे दिया।

जवाहरलाल नेहरू की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि 1929 में लाहौर में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन के अध्यक्ष चुन लिए गए।

गांधी जी के नेतृत्व में पंडित नेहरू ने 1930 में ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर लगाए अन्याय पूर्ण कानून के खिलाफ दांडी मार्च में हिस्सा लिया। 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन  के बाद 1947 में कांग्रेस की तरफ से प्रधानमंत्री के पद के लिए चुनाव लड़े।

स्वतंत्र भारत में पहली बार हुए चुनाव में सरदार वल्लभ भाई पटेल को बहुमत मिला था किंतु गांधी जी के कहने पर पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया जिसके बाद जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए।

जवाहरलाल नेहरू के कार्य Works of Jawaharlal Nehru in Hindi

भारत को जब ब्रिटिश सरकार से स्वतंत्रता मिली तो वह कुल 565 देसी रियासतों में बटा हुआ था। अपने कुशल बुद्धि तथा रणनीति से जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और वीपी मेनन के भागीदारी में सभी 565 देसी रियासतों को भारत में विलय कर लिया गया।

भारत के आजाद होने के बाद चीन हमेशा से भारत के सीमा पर अपना अधिकार होने का दावा करता है। चीन ने जब तिब्बत पर कब्जा किया था तो वहां के धर्मगुरु दलाई लामा को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से प्रार्थना करने पर भारत में शरण दी थी।

दलाई लामा को भारत में शरण देने के कारण चीन भारत के सीमा पर भी अपना दावा करने लगा। 1962 में धोखे से चाइना ने अचानक से भारत पर हमला कर दिया और भारत के उत्तर पश्चिम मैं स्थित सीमा से लगने वाले कुछ भाग पर अपना कब्जा कर लिया।

 जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में भारत के इस प्रकार हादसे पूरा देश गुस्से में था और कांग्रेस पार्टी की बहुत अधिक आलोचना हो रही थी। पंडित जवाहरलाल नेहरू को  भारत का यह जगह होने पर बहुत दुख था। 

निजी जीवन Personal Life of Jawaharlal Nehru in Hindi

पंडित जवाहरलाल नेहरू एक अच्छे राजनीतिज्ञ की तरह बहुत अच्छे लेखक भी थे। पंडित नेहरू जब भारत आए थे तब 7 फरवरी 1916 में उनका विवाह कमला नेहरू से हुआ था।

कमला नेहरू दिल्ली के एक प्रमुख व्यापारी पंडित ‘जवाहरलालमल’ और राजपति कॉल की पुत्री थी। विवाह के कुछ समय बाद उनकी एक प्यारी सी पुत्री हुई  जिसका नाम इंदिरा रखा गया। इंदिरा गांधी आगे चलकर भारत की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी।

जवाहरलाल नेहरू को बच्चे बहुत प्रिय लगते थे। उनका मानना था कि यह बच्चे ही आगे चलकर देश का भविष्य निर्धारित करेंगे। इसलिए पंडित नेहरू के जन्म तिथि 14 नवंबर को पूरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू पर 10 लाइन Best 10 Lines on Jawaharlal Nehru in Hindi

  • चाचा नेहरू जो स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे उन्होंने देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया
  • पंडित नेहरू का जन्म कश्मीरी पंडित के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। 
  • उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू तथा माता का नाम स्वरूप रानी नेहरू था।
  • अपनी पढ़ाई पूरी कर भारत लौटने के बाद नेहरू गांधी जी की विचारधारा से बहुत आकर्षित हुए।
  • पंडित नेहरू के जन्म तिथि 14 नवंबर को पूरे भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद जिले में हुआ था।
  • मोतीलाल नेहरू के कुल तीन बच्चे थे जिनमें जवाहरलाल नेहरू इकलौते पुत्र थे।
  • कॉलेज की शिक्षा खत्म करने के बाद उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा ग्रहण की
  • 1919 में पंडित नेहरू की मुलाकात गांधी जी से हुई जिस समय रोलेट अधिनियम के  विरोध में ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध आंदोलन चलाया जा रहा था।
  • तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से प्रार्थना करने पर भारत में शरण दी थी।

मृत्यु Death

जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु के सम्बन्ध में बहुत लोगों के अलग अलग तर्क हैं लेकिन जो बात भारतीय कांग्रेस पार्टी द्वारा कही जाती है वह यह है की जवाहर लाल चीन द्वारा मिले धोखे के बाद विरोधियों के निशाने पर आ चुके थे।

उसके बाद वे काफी बीमार रहने लगे थे और एक बार 26 मई 1964 की अगली सुबह नेहरु की पीठ में लगातार दर्द होना शुरू हो गया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

जब तक उन्हें डॉक्टर देख पाते तब तक उनके प्राण निकल चुके थे 27 मई 1964 की दोपहर को लोकसभा ने यह ऐलान किया की नेहरु अब नहीं रहे। 

मृत्य के कारण में हार्ट अटैक बताया गया लेकिन कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है की नेहरु की मौत की असली रिपोर्ट को छुपाया गया। 

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने जवाहरलाल नेहरु पर निबंध हिंदी में (Jawaharlal Nehru Essay in Hindi) पढ़ा। आशा है यह निबंध आपके लिए मददगार साबित हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें। 

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प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय

» पंडित जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय «

इसे पढ़े: जीवन में सफलता प्राप्त करने के 3 अद्भुत तरीके

प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय

14 नवम्बर 1889 नेहरू जी का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता मोतीलाल नेहरू और माता स्वरूप रानी नेहरू थे। इनके पिता जी मशहुर बैरिस्टर और समाजवादी थे।

नेहरू जी इकलौते बेटे थे और तीन बहने भी थी। उन्होंने देश-विदेश के नामी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों से शिक्षा प्राप्त की थी और इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कानून शास्त्र में पारंगत हुए।

7 वर्ष इंग्लैंड में रहकर फैबियन समाजवाद एवं आयरिश राष्ट्रवाद की जानकारी विकसित की।

नेहरू जी भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री थे। उनके जन्मदिन को ही बाल दिवस के रूप में देशभर में मनाया जाता है । जवाहरलाल नेहरू जी का जीवन भी अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की तरह रहा है।

कहां जाता है कि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था। जिस कारण बच्चे उन्हें प्यार से चाचा जी कहा करते थे। महात्मा गांधी जी उन्हें अपना शिष्य मानते थे। जवाहर लाल जी के अंदर अपने देश के लिए बहुत प्रेम था।

Biography of Jawaharlal Nehru in Hindi

Jawaharlal Nehru Biography in Hindi

जवाहर लाल जी को पंडित क्यों कहा जाता था?

कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से वे पंडित नेहरू कहलाये जाते थे।

सन् 1941 में जवाहर लाल जी को स्वतंत्र भारत का प्रधानमंत्री बनने का प्रश्न सुलझ चुका था, वे भारत के सपनों को साकार करने के लिए चल पड़े और भारत के अधिनियम लागू होने के बाद उन्होंने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सुधारों के लिए योजना बनाने लगे।

उन्होंने बहुवचनी दलीय को बनाए रखा और अंग्रेजी शासन से भारत को एक गणराज्य देश बना दिया। उन्होंने विदेश नीति में भारत को दक्षिण एशिया में एक क्षेत्रीय नायक के रूप में दिखाया और गैर-निरपेक्ष आन्दोलन में सबसे आगे रहे।

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नेहरू के शासन में कांग्रेस पार्टी 1951, 1957, 1962 के चुनाव लगातार जीतते रहे और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व को असफलता मिली।

Pandit Jawaharlal Nehru History in Hindi

  • सन्-1912: नेहरू जी भारत वापस आए और वकालत शुरू।
  • सन्-1916:  नेहरू जी की शादी “कमला नेहरू” जी के साथ हुई।
  • सन्-1917:   “होमरूल लीग” शामिल हुए।
  • सन्-1919: “ महात्मा गांधी “ जी से मिले और राजनीति में अपना योगदान दिया। जिस समय महात्मा गांधी जी ने रॉलेट एक्ट अधिनियम के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था।
  • सन्-(1920-1922): जवाहर लाल नेहरू ने भी असहयोग आन्दोलन में सहयोग दिया और गिरफ्तार भी हुए और कुछ दिनों के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
  • सन्-1924:   “इलाहाबाद” के अध्यक्ष चुने गये और 2 साल तक कार्यकारी अधिकारी के रूप में काम किया। 1926 में ब्रिटिश अधिकारियों से सहायता न मिलने पर इस्तीफा दे दिया।
  • सन्-(1926-1928): जवाहर लाल नेहरू ने अखिल भारतीय कांग्रेस के नेता के रूप में कार्य किया।
  • सन्-(1928- 1929): मोतीलाल की अध्यक्षता में कांग्रेस का वार्षिक सत्र का आयोजन किया और तभी जवाहर लाल नेहरू और सुभाष चन्द्र बोस ने पूर्ण राजनीतिक की स्वतंत्रता की मांग की जबकि मोतीलाल नेहरू और अन्य नेताओं ने ब्रिटिश साम्राज्य के अन्दर ही संपन्न राज्य का दर्जा पाने की मांग की।

इन दोनों के बीच की बहस को गांधी जी ने हल निकालने के लिए कहा की ब्रिटेन को भारत के राज्य का दर्जा देने के लिए दो साल का समय दिया जायेगा और यदि ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करेगी।

नेहरू और बोस ने मांग की, कि इस समय को कम करके एक साल का कर दिया जाये जिस पर ब्रिटिश सरकार का कोई फैसला नहीं आया।

  • सन्-1929: दिसम्बर के महीने में कांग्रेस के अधिवेशन में जवाहर लाल नेहरू जी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुना गया। तभी पूर्ण स्वराज की मांग भी की गयी थी। ये अधिवेशन लाहौर में हुआ था ।
  • 26 जनवरी 1930: जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर में स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया था। गांधी जी ने तभी 1930 में सविनय अवज्ञा नमक आन्दोलन की शुरुआत की ओर वो इतना सफल हुआ की ब्रिटिश को एक महत्वपूर्ण निर्णय के लिये मजबूर होना पड़ा।
  • सन्-1935 में: ब्रिटिश सरकार ने अधिनियम लागू करने का प्रस्ताव सामने रखा तो कांग्रेस ने चुनाव लड़ना ही सही समझा, नेहरू ने चुनाव के दौरान पार्टी का समर्थन चुनाव से बाहर रह कर ही किया। कांग्रेस हर प्रदेश में छा गयी और सबसे अधिक जगहों पर जीत हासिल की।
  • सन्-1936-1937: नेहरू जी को कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
  • सन्-1942: गांधी जी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आन्दोलन हुआ जिसमें जवाहर लाल नेहरू जी को जेल भी हुई और जिसके बाद उन्हें 1945 में जेल के बाहर आये।

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे?

Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi

सन् 1947 में भारत को आजादी मिल गयी थी। तब बात ये हुई की प्रधानमंत्री के लिए कांग्रेस में मतदान हुआ तो सरदार पटेल को सबसे ज्यादा मतदान मिले और उनके बाद सबसे ज्यादा मत आचार्य कृपलानी को मिले लेकिन गांधी जी के कहने पर सरदार पटेल और आचार्य कृपलानी ने अपना नाम वापस ले लिया और जवाहर लाल नेहरू जी को प्रधान मंत्री बनने दिया।

अंग्रेजों ने 500 देशी रियासतों को रिहा किया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके आगे सबसे बड़ी परेशानी आ गयी थी की आजाद लोगों को एक झंडे के सामने लाना और उन्होंने भारत को दोबारा बनाया और आगे आने वाली हर समस्या का सामना समझदारी के साथ किया।

जवाहर लाल नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान दिया। उन्होंने विज्ञान और प्रोद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया। साथ में तीन लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया।

उनके कारण व उनके निर्णयों व उनकी नीतियों की वजह से देश में कृषि व उद्योग की लहर आ गयी। नेहरू जी ने विदेशी नीति में एक अपनी भूमिका निभाई।

नेहरु जी ने एशिया और अफ्रीका में उपनिवेशवाद को खत्म करने के लिए जोसिप ब्रोज़ टिटो और अब्दुल गमाल नासिर के साथ मिलकर एक गुट निरपेक्ष आन्दोलन की रचना की। उन्होंने अपना योगदान कोरियाई युद्ध का अंत करने, स्वेज नहर विवाद सुलझाने और कांगो समझौते को अन्य समस्याओं को सुलझाने में दिया।

जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार

पंडित जवाहर लाल नेहरू को वर्ष 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु कब और कैसे हुई?

Jawaharlal Nehru and Gandhiji

»नेहरू जी ने पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के रिश्तों को सुलझाने की भी कोशिश की मगर असफल रहे।

»पाकिस्तान कहता है कि कश्मीर हमारा है और जब चीन से दोस्ती की बात करो तो वो सीमा विवाद आगे कर देता है। जिस कारण नेहरू जी ने एक बार चीन से मित्रता के लिए हाथ भी बढ़ाया लेकिन 1962 में चीन ने मौके का फायदा उठा कर धोखे से आक्रमण कर दिया।

»नेहरू जी को इस बात का बहुत बड़ा झटका लगा और लोगों का कहाँ था की हो सकता है इस झटके के कारण ही उनकी मृत्यु हुई हो।

»27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।

जवाहरलाल नेहरू के नाम सड़कें, स्कूल, यूनिवर्सिटी और हॉस्पिटल क्यों बनाये गए?

Jawaharlal Nehru Original Photo

उनकी मृत्यु होने से भारत को बहुत बड़ी चोट पहुंची थी। जवाहरलाल नेहरू जी सबके लोकप्रिय थे उन्होंने देश के लिए जो भी किया वो बहुत ही कीमती था उन्हें भुलाया नहीं जा सकता था।

जिस कारण उनकी याद में देश के महान नेताओं ने व स्वतंत्रता सेनानियों ने उन्हें हर पल याद रखने के लिए सड़के मार्ग, जवाहर लाल नेहरू स्कूल, जवाहर लाल नेहरु टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरु कैंसर हॉस्पिटल आदि को बनाने की शुरुआत की गयी।

Pandit Jawaharlal Nehru Biography in Hindi

(जवाहर लाल नेहरू जी पर आलोचना – श्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय)

पंडित जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु कब और कैसे हुई

गांधी जी ने जब सरदार वल्लभ भाई पटेल की जगह जवाहर लाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया तो बहुत लोगों में क्रोध जाग उठा।

बहुत लोगों का ये सोचना था की नेहरू जी ने अन्य भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की तुलना में योगदान कम दिया था और फिर भी गांधी जी ने उन्हें प्रधानमंत्री बनाया और तो और जब कांग्रेस के अध्यक्ष बनने की बात आजादी से पहले हुई थी तो ये कहा गया था की जो भी कांग्रेस का अध्यक्ष बनेगा वही आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री बनेगा।

तब भी गांधी जी ने प्रदेश कांग्रेस समितियों के प्रस्ताव अनदेखा करते हुए बातों को न मानते हुए नेहरू जी को अध्यक्ष बनाने की कोशिशें की।

नेहरू के प्रधानमंत्री बनने पर लोगों ने कहा की गांधी जी ने नेहरू को प्रधानमंत्री बनवाया है और जरूर गांधी जी उनसे वो काम करवा पाएंगे जिन्हें वो खुद करना चाहते थे और कर न सके लेकिन सच्चाई ये नहीं थी।

ये बात किसी और ने नहीं बल्कि उनके साथ एक टीम के तौर पे काम करने वाले जयप्रकाश नारायण जी 1978 में आई किताब “गाँधी टुडे” में कहा था.

जयप्रकाश, नेहरू के काफी नजदीक थे और उनके मित्र भी थे और उनकी कही बातों पर विश्वास भी किया जा सकता है। इसके बावजूद भी जयप्रकश ने नेहरू के बनाये मॉडल की कमियों को उजागर किया था।

List of Prime Ministers of India From 1947 To 2020

10 lines on pandit jawaharlal nehru essay in hindi.

जवाहरलाल नेहरू पर निबंध:  पंडित जवाहर लाल नेहरू (14 नवंबर 1889-27 मई 1964)

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनका जन्मदिन प्रत्येक वर्ष बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था, जो एक धनाढ्य परिवार के थे और माता का नाम स्वरूपरानी था। उनके पिता पेशे से वकील थे।

जवाहरलाल नेहरू उनके इकलौते पुत्र थे और 3 पुत्रियां थी। नेहरू जी को बच्चों से बड़ा स्नेह और लगाव था और वे बच्चों को देश का भावी निर्माता मानते थे।

जवाहरलाल नेहरू को दुनिया के बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिला था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हैरो और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन से पूरी की थी।

उन्होंने अपनी लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की। हैरो और कैम्ब्रिज में पढ़ाई कर 1912 में नेहरू जी ने बार-एट-लॉ की उपाधि ग्रहण की और वे बार में बुलाए गए।

जवाहर लाल नेहरू शुरू से ही गांधी जी से प्रभावित रहे और 1912 में कांग्रेस से जुड़े। 1920 के प्रतापगढ़ के पहले किसान मोर्चे को संगठित करने का श्रेय उन्हीं को जाता है।

1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के विरोध में नेहरू घायल हुए और 1930 के नमक आंदोलन में गिरफ्तार भी हुए। उन्होंने 6 माह जेल काटी।

1935 में अल्मोड़ा जेल में “आत्मकथा” लिखी। उन्होंने कुल 9 बार जेल यात्राएं कीं। उन्होंने विश्वभ्रमण किया और अंतरराष्ट्रीय नायक के रूप में पहचाने गए।

सन् 1947 में भारत को आजादी मिलने पर जब भावी प्रधानमंत्री के लिए कांग्रेस में मतदान हुआ तो सरदार वल्लभभाई पटेल और आचार्य कृपलानी को सर्वाधिक मत मिले थे। किंतु महात्मा गांधी के कहने पर दोनों ने अपना नाम वापस ले लिया और जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाया गया।

पंडित जवाहरलाल नेहरू 1947 में स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। आजादी के पहले गठित अंतरिम सरकार में और आजादी के बाद 1947 में भारत के प्रधानमंत्री बने और 27 मई 1964 को उनके निधन तक इस पद पर बने रहे।

नेहरू पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार नहीं कर पाए। उन्होंने चीन की तरफ मित्रता का हाथ भी बढ़ाया, लेकिन 1962 में चीन ने धोखे से आक्रमण कर दिया।

चीन का आक्रमण जवाहरलाल नेहरू के लिए एक बड़ा झटका था और शायद इसी वजह से उनकी मौत भी हुई। जवाहरलाल नेहरू को 27 मई 1964 को दिल का दौरा पडा़ जिसमें उनकी मृत्यु हो गई।

“स्वाधीनता और स्वाधीनता की लड़ाई को चलाने के लिए की जाने वाली कार्रवाई का खास प्रस्ताव तो करीब-करीब एकमत से पास हो गया। …खास प्रस्ताव इत्तफाक से 31 दिसंबर की आधी रात के घंटे की चोट के साथ, जबकि पिछला साल गुजरकर उसकी जगह नया साल आ रहा था, मंजूर हुआ।” -लाहौर अधिवेशन में स्वतंत्रता प्रस्ताव पारित होने के बारे में नेहरू की “मेरी कहानी” से।

Pandit Jawaharlal Nehru Speech in Hindi

  • जवाहरलाल नेहरू पर भाषण

आप सभी को मेरा नमस्कार, मैं आज आपको जवाहर लाल नेहरू के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहा/रही हूं और उम्मीद करता/करती हूं की यह आप सबको अवश्य पसंद आएगा।

पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म 14 नवम्बर सन् 1889 को इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। उस समय भारत पर ब्रिटीशियों का राज था और तब भारत गुलाम था। उनके पिता का नाम श्री मोतीलाल नेहरू और माता का श्रीमती स्वरूपरानी थुस्सू था। वे एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते थे।

उन्होने कैम्ब्रिज, लंदन के ट्रिनिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपनी लॉ की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे भारत आ गये और भारत के स्वतंत्रता की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जिसके लिए उन्हे कई बार जेल भी जाना पड़ा।

देश को आजाद कराने में उनकी बहुत अहम भूमिका रही थी। उन्हें छोटे बच्चों से बहुत लगाव था और बच्चे प्यार से उन्हे चाचा नेहरू बुलाते थे और इसलिये उनके जन्मदिन ‘14 नवम्बर’ को बाल दिवस के रूप में भी मनाते हैं।

जैल के दौरान नेहरू जी ने “भारत की खोज” नमक पुस्तक भी लिखी थी जिसे दुनिया भरा में बहुत ही प्रतिष्ठा मिली है|

नेहरू जी को बहुत ही अच्छा प्रधानमंत्री कहा जाता है। इनका विवाह “कमला कौल” से हुआ था और इनकी पुत्री का नाम इंदिरा गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) था। वे एक बहुत अच्छे लेखक भी थे। इनकी कुछ प्रमुख पुस्तकें हैं, मेरी कहानी, विश्व इतिहास की झलक, भारत की खोज हिन्दुस्तान की कहानी आदि।

इन्हे बच्चों से बहुत लगाव था, इसलिये इनके जन्म दिवस को ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।

जवाहर लाल नेहरू एक महान शख्सियत के साथ एक महान व्यक्ति भी थे और उनके भारतीय इतिहास में अपने अतुल्य योगदान के लिये भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है और इन्हे आज भी याद किया जाता है।

FAQs on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi

Question. Who is the first prime minister of India to be born after independence?

Answer. नरेंद्र मोदी (17 सितंबर 1950) भारत के स्वतंत्रता के बाद पैदा होने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। अन्य सभी पूर्व प्रधान मंत्री भारत की स्वतंत्रता से पहले पैदा हुए थे।

Question. Who is the first prime minister of India?

Answer. जवाहरलाल नेहरू

Question. Pandit Jawaharlal Nehru Wife Name

Answer. पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की पत्नी का नाम “कमला कौल” था।

Question. Pandit Jawaharlal Nehru Birthday

Answer. पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का जन्म 14 नवम्बर सन् 1889 को हुआ था।

Question. When was born Pandit Jawaharlal Nehru?

Answer. इलाहाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था।

Question. What is Nehru famous for?

Answer. जवाहर लाल नेहरू एक महान शख्सियत के साथ एक महान व्यक्ति भी थे और उनके भारतीय इतिहास में अपने अतुल्य योगदान के लिये भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है। नेहरू जी का भारत की आजादी में बहुत ही बड़ा योगदान था उन्होने प्रधानमंत्री बन कर भारत की सेवा भी की थी।

Question. How did Pandit Nehru die?

Answer. नेहरू पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार नहीं कर पाए। पाकिस्तान के साथ एक समझौते तक पहुंचने में कश्मीर मुद्दा और चीन के साथ मित्रता में सीमा विवाद रास्ते के पत्थर साबित हुए।

नेहरू ने चीन की तरफ मित्रता का हाथ भी बढाया, लेकिन 1962 में चीन ने धोखे से आक्रमण कर दिया। नेहरू के लिए यह एक बड़ा झटका था और शायद / किंचित उनकी मौत भी इसी कारण हुई। 27 मई 1964 को जवाहरलाल नेहरू को दिल का दौरा पड़ा जिसमें उनकी मृत्यु हो गयी।

Question. Is Nehru a Brahmin?

Answer. नेहरू जी कश्मीरी पंडित थे।

पंडित जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय का यह लेख यही समाप्त होता है।  पंडित जवाहर लाल नेहरु की जीवनी को पढ़ने के लिए धन्यवाद

अगर आपको इस विषय से सम्बन्धित या जवाहरलाल नेहरू जीवनी (चाचा नेहरू) के विषय में कुछ बोलना है तो आप कमेंट के माध्यम से बोल सकते हो। अथवा इस लेख को आप फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप्प पर शेयर भी कर सकते हो।

अन्य जीवन परिचय⇓

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जीवन परिचय

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नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय: नरेंद्र मोदी हमारे भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। 30 मई, 2019 को, दूसरे कार्यकाल के लिए, उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। नरेंद्र मोदी का पूरा नाम नरेंद्र दामोदरदास मोदी है। वह प्रेरणा का एक व्यक्तित्व है जो एक गरीबी से ग्रस्त चाय बेचने वाले लड़के से…

Rajiv Gandhi Images

राजीव गांधी का जीवन परिचय और उनकी हत्या का कारण

» Rajiv Gandhi Biography in Hindi « पूरा नाम राजीव गांधी जन्म तारीख 20 अगस्त 1944 मृत्यु 21 मई 1991 मृत्यु स्थान श्रीपेरंबदूर (तमिलनाडु) मृत्यु की वजह भयंकर बम्ब विस्फोट जन्मस्थान बम्बई (महाराष्ट्र) पिता फिरोज गांधी जी माता इंदिरा गांधी भाई संजय गांधी पत्नी एंटोनिया माइनो (सोनिया गांधी जी) बच्चों का नाम प्रियंका गांधी, राहुल…

सरदार वल्लभ भाई पटेल पर निबंध

सरदार वल्लभ भाई पटेल पर निबंध, विचार और उनका संपूर्ण जीवन परिचय

आज हम एक महान हस्ती की बात बताने जा रहा हूँ जिनका भारत की आजादी में बहुत बड़ा योगदान था| इन्हे लौह पुरुष भी कहा जाता है| जी हाँ हम बात कर रहे हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन परिचय की| सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत की आजादी के बाद सबसे पहले ग्रह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री…

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  1. जवाहर लाल नेहरू पर निबंध (Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi)

    जवाहर लाल नेहरु पर छोटा व बड़ा निबंध कक्षा 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के विद्यार्थियों के लिए। Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi Language.

  2. जवाहरलाल नेहरू पर निबंध 10 lines (Jawaharlal Nehru Essay in ...

    Jawaharlal Nehru Essay in Hindi – पंडित जवाहरलाल नेहरू सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री थे। चूंकि वह देश के लिए एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक शख्सियत थे, इसलिए बच्चों को उनके व्यक्तित्व और योगदान के बारे में पढ़ाया जाता है। उन्हें अक्सर एक संक्षिप्त नोट या जवाहरलाल नेहरू निबंध के रूप में जवाहर...

  3. पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध - महान व्यक्तियों पर निबंध ...

    जवाहरलाल नेहरू जी की शिक्षा - उनकी राजनीतिक जीवनवृत्ति - एक सफल प्रधानमंत्री के रूप में - निष्कर्ष ।. पंडित जवाहरलाल नेहरू भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम के एक बड़े नायक थे। स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व तथा उसके बाद भारत की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पं.

  4. जवाहरलाल नेहरू पर निबंध, लेख » हिंदी निबंध ️, Nibandh Lekhan

    पंडित जवाहर लाल नेहरू की आरंभिक शिक्षा अत्यधिक संपन्न व्यवस्था में घर पर ही हुई पढ़ाने के लिए एक अंग्रेज शिक्षक की व्यवस्था की गई थी उन्होंने बालक के मन में विज्ञान के प्रति अभिरुचि उत्पन्न कर दी आरंभिक शिक्षा समाप्त करके यह उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सन 1905 में इंग्लैंड गए।उस समय इनकी आयु लगभग 15 वर्ष की थी।इंग्लैंड में रहकर इन्होंने विज्...

  5. Essay on Jawaharlal Nehru: स्टूडेंट्स के लिए पंडित जवाहरलाल ...

    Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi (200 शब्दों में) 200 शब्दों में पंडित जवाहरलाल नेहरू निबंध कुछ इस प्रकार है –

  6. पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध Pandit Jawaharlal Nehru Essay ...

    इस लेख में पंडित जवाहरलाल नेहरू पर निबंध (Essay on Pandit Jawaharlal Nehru in Hindi) लिखा गया है।. स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के कारण पंडित नेहरू के विषय में छोटी बड़ी लगभग सभी परीक्षाओं में निबंध पूछा जाता है। यह निबंध बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है आशा है आपको यह निबंध जानकारी से भरपूर लगेगी।.

  7. जवाहर लाल नेहरू का जीवन परिचय, निबंध, भाषण, इतिहास

    10 Lines on Pandit Jawaharlal Nehru Essay in Hindi. जवाहरलाल नेहरू पर निबंध: पंडित जवाहर लाल नेहरू (14 नवंबर 1889-27 मई 1964)

  8. Jawahar Lal Nehru Essay : पंडित जवाहरलाल नेहरू पर हिन्दी में ...

    उपसंहार : पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करना, राष्ट्र और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को स्थायी भाव प्रदान करना और योजनाओं के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू करना उनके मुख्य उद्देश्य रहे।.

  9. जवाहर लाल नेहरू पर निबंध | Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi ...

    Essay on Jawaharlal Nehru in Hindi (Download PDF) | जवाहर लाल नेहरू पर निबंध – भारत में कई महान व्यक्तियों का जन्म हुआ और नेहरू उनमें से एक थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में भाग लिया। पंडित जवाहरलाल नेहरू एक महान देशभक्त और बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजनीतिज्ञ थे। नहरू जी भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और देश को एक नई दिशा दी। उन्हें आधुनिक भारत क...

  10. Hindi Essay – Pandit Jawaharlal Nehru par Nibandh

    पंडित जवाहरलाल नेहरू पर लघु निबंध (Hindi essay on Pandit Jawaharlal Nehru) शान्ति के अग्रदूत और अहिंसा के संवाहक पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम विश्व के महानतम व्यक्तियों में ...